यूँ गीत बहुत
बन जाएँगे
लेकिन कुछ ही
गाए जाएँगे
कहीं सुगंध
और सुमन होंगे
कहीं भक्त
और भजन होंगे
रीती आँखों में
टूटे हुए सपन होंगे
बिगड़ेगी बात कभी तो
उसे बनाने के
लाख जतन होंगे
न जाने इस जीवन में
क्या कुछ देखेंगे
कितना कुछ पाएँगे
सपना बन
अपने ही छल जाएँगे
यूँ गीत बहुत
बन जाएँगे
लेकिन कुछ ही
गाए जाएँगे