चंदा तुम प्यारे लगते

01-04-2020

चंदा तुम प्यारे लगते

नरेंद्र श्रीवास्तव (अंक: 153, अप्रैल प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

चंदा-सूरज भाई-भाई।
सूरज आग, चंदा ठंडाई॥


चंदा चाँदी सा है चमके।
छुप जाये तो तम आ धमके॥


चंदा के संग ढेर सितारे।
सभी दोस्त हैं प्यारे-प्यारे॥


चंदा धीरे-धीरे चलता।
रुके नहीं, और न ही थकता॥


चंदा का नीला आसमान।
ख़ूब खेलने का मैदान॥


चंदा तुम हो प्यारे लगते।
कभी तो आ हमसे मिलते॥

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