मैं एक पत्रकार हूँ

01-06-2022

मैं एक पत्रकार हूँ

सुषमा दीक्षित शुक्ला  (अंक: 206, जून प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मैं एक पत्रकार हूँ, 
मैं एक पत्रकार हूँ। 
समाज का हूँ आईना, 
अवाम का गुबार हूँ। 
 
कहाँ पे क्या सही हुआ, 
कहाँ पे क्या ग़लत हुआ। 
कहाँ पे क्या सृजित हुआ, 
कहाँ पे क्या घटित हुआ। 
 
समाज के वुजूद का, 
मैं ही तो चित्रकार हूँ। 
मैं एक पत्रकार हूँ 
मैं एक पत्रकार हूँ। 
समाज का हूँ आईना, 
अवाम का गुबार हूँ। 
 
कर्मपथ पे मौत हो, 
मैं मगर डरूँ नहींं। 
अमीर क्या ग़रीब क्या, 
भेद मैं करूँ नहींं। 
 
ख़ुशी की बात हो या ग़म, 
अवाम की पुकार हूँ। 
मैं एक पत्रकार हूँ 
मैं एक पत्रकार हूँ। 
समाज का हूँ आईना, 
अवाम का गुबार हूँ। 

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