हुई अमर ये प्रेम  कहानी 

15-08-2020

हुई अमर ये प्रेम  कहानी 

सुषमा दीक्षित शुक्ला  (अंक: 162, अगस्त द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

आज श्याम सँग झूला झूलें,
प्यारी राधा रानी।
सावन पर भी यौवन छाया,
झमझम बरसे पानी।


हरा भरा हरियाला मौसम,
भीगा भीगा तन मन है।
राधाकिशन की प्रीति देखकर,
हर्षित सारा उपवन है।


नाच रहीं यमुना की लहरें,
कितनी सुन्दर थिरकन है।
धरती अम्बर एक हुए हैं,
पावस विह्वल जोगन है।


दशों दिशाएँ झूम रही हैं,
मादकता मे मधुबन  है।
मोर पपीहा पँछी गाये,
जैसे पागल  विरहन  है।


कोमल किसलय जैसी राधा,
डूब गयी है मोहन में।
जगमोहन भी  डूब गये हैं,
राधा के  सम्मोहन  में।


सखियाँ सारी बाट जोहती,
 अपनी अपनी बारी की।
स्वयं प्रकृति भी दृश्य देख यह,
गर्वित है  सुकुमारी सी।


मोहन जैसा प्रियतम पाकर,
धन्य हुई राधा  रानी।
राधा बिना कृष्ण भी आधा 
बात सभी ने ये मानी।


अटल प्रेम का अद्भुत बन्धन
राधा कान्हा की दीवानी।
अमर प्रेम इतिहास रचाया,
हुई अमर ये प्रेम  कहानी।

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