अमर शहीद
सुषमा दीक्षित शुक्लाभारत माता के अमर लाल,
भारत माँ के सच्चे सपूत।
सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह
युग पुरुष कहूँ या देवदूत।
भारत माता भी गर्वित हैं,
जनकर उन जैसा वीर पूत।
इन वीर व्रती ने चुका दिया,
ऋण मातृभूमि का सहित सूत।
भारत माता के मस्तक पर,
निज रक्त तिलक से कर पूजा।
हे भगत सिंह तुमको प्रणाम
तुम सा न कोई जग में दूजा।
दासत्व तम को नष्ट करने,
आया राजगुरु बाँकुरा।
माँ भारती से जनम ले,
पावन करी अम्बर धरा।
शत्रु की हुँकार सुन कर,
जो न था बिल्कुल डरा।
सुखदेव के बलिदान से रँगा,
है भारती आँचल हरा।
उनको तो अमरत्व मिला,
पर आयु नहीं लम्बी पायी।
युग युग तक दुनिया याद करे,
चहुँ ओर कीर्ति जग में छायी।