वीरों का ले अरि से हिसाब।
चीनी शोणित से खेल फाग।
ऐ! राष्ट्र शक्ति अब जाग जाग।
ऐ! शक्ति पुँज अब जाग जाग।
रणचण्डी तेरे खड़ी द्वार।
दे रक्तपात करती पुकार।
सीने में उसके लगी आग।
उठ हो सशक्त, भय रहा भाग।
है बैरी का करना मद मर्दन।
ये सर्प कुचलने लायक़ फन।
अरि शोणित से कर अभिनन्दन।
ये मातृ भूमि का है वन्दन।
कर खड्ग ग्रहण तू लगा आग।
अब बहुत हो गया त्याग त्याग।
वीरों का ले अरि से हिसाब।
चीनी शोणित से खेल फाग।
ऐ !राष्ट्र शक्ति अब जाग जाग।
ऐ! शक्ति पुँज अब जाग जाग।