वो एक पिता है
मंजु आनंद
पिता ने अलमारी से,
निकाला अपना पुराना सूट,
पहन लिया जल्दी जल्दी,
बाल सँवारे जल्दी जल्दी,
फिर आईने में देखा,
बाँधी गुलाबी पगड़ी,
आज बिटिया की शादी का,
शुभ दिन है आया,
कोई कमी ना रह जाए कहीं,
डर यही सता रहा है,
मेरी पगड़ी की लाज रखना,
हाथ जोड़ कर ईश्वर से,
प्रार्थना कर रहा है,
जानता है वह एक पिता है,
पिता ऐसा ही होता है।
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