वो एक पिता है 

15-06-2025

वो एक पिता है 

मंजु आनंद (अंक: 279, जून द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

पिता ने अलमारी से, 
निकाला अपना पुराना सूट, 
पहन लिया जल्दी जल्दी, 
बाल सँवारे जल्दी जल्दी, 
फिर आईने में देखा, 
बाँधी गुलाबी पगड़ी, 
आज बिटिया की शादी का, 
शुभ दिन है आया, 
कोई कमी ना रह जाए कहीं, 
डर यही सता रहा है, 
मेरी पगड़ी की लाज रखना, 
हाथ जोड़ कर ईश्वर से, 
प्रार्थना कर रहा है, 
जानता है वह एक पिता है, 
पिता ऐसा ही होता है। 

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