बिटिया
मंजु आनंदबिटिया तुमसे क्या-क्या कहूँ,
कहना है बहुत कुछ तुमको,
बहुत कुछ तुमको है समझाना,
तुम नाराज़ ना हो जाओ कहीं,
इस बात से भी डरती हूँ,
माँ हूँ तुम्हारी रह ना पाऊँगी,
क्या अच्छा है क्या है बुरा,
यह अब तुम्हें समझाऊँगी,
बिटिया तुम हो भोली भाली,
दुनिया है चालाक बहुत,
मत आ जाना किसी ग़ैर के बहकावे में तुम,
एक बात सदा तुम याद रखना,
माता पिता से बढ़कर है नहीं कोई हितैषी तुम्हारा,
नहीं जकड़ना चाहती तुमको मैं ज़ंजीरों में,
हाँ मगर मेरी ममता पर दाग़ नहीं कोई लगने देना,
घर ही है तुम्हारा रक्षा कवच,
यह बात बिटिया तुम भूल ना जाना,
माँ हूँ तुम्हारी,
करती रहूँगी सदा यही कामना,
बुलंदियों का तुम आसमान छूना,
भविष्य बने उज्जवल तुम्हारा,
बस अपनी माँ की यह सीख ध्यान में रखना,
कहना है बहुत कुछ तुमको,
बिटिया तुमसे क्या-क्या कहूँ।
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