इंसान क्या है

15-06-2022

इंसान क्या है

मंजु आनंद (अंक: 207, जून द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

इंसान क्या है क्या है इसकी हस्ती, 
चिंताओं के बोझ तले दबा एक प्राणी, 
रोज़ किसी ना किसी कारण बेमौत मरता है, 
नहींं पाती साँसें सुकून तब तक, 
जब तक शरीर इसका मुक्ति नहीं पाता, 
मोह माया के बंधनो से आज़ाद नहीं हो जाता, 
जलती चिता में सभी चिंताएँ भी इसकी हो जाती हैं राख, 
अरमान तो पहले ही राख हो चुके होते हैं, 
अंत में बच जाती है सिर्फ़ राख ही राख, 
उसे भी बहा दिया जाता है बहती गंगा में, 
इंसान क्या है क्या है इसकी हस्ती। 

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