कबाड़ी वाला
मंजु आनंदकबाड़ी भी अपनी एक अहमियत रखता है,
जी हाँ, यह कबाड़ी है बहुत काम का,
ले जाता है आपके घर का सारा कबाड़,
क्या पुराना लोहा क्या प्लास्टिक क्या रद्दी अख़बार,
बहुत सँभाल के रखते हो आप यह कबाड़,
जबकि, होता है यह कबाड़ आपके लिए बेकार,
गिन-गिन कर देते हो कबाड़ी को,
एक-एक बोतल एक-एक अख़बार,
ध्यान से देखते हो आप उसका तराजू और बाट,
कहीं हो ना जाए कोई हेरा-फेरी,
कबाड़ का भी करते हो आप मोलभाव,
सोचो, अगर कबाड़ी न ले जाए कबाड़,
तब आप क्या करोगे?
कहाँ रखोगे यह कबाड़?
कबाड़ी कबाड़ तो ले ही जाता है,
बदले में आपको उस कबाड़ का,
मूल्य भी दे जाता है,
यह काम बस एक कबाड़ी वाला ही कर सकता है,
कबाड़ी भी अपनी एक अहमियत रखता है।