डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
जन्म: वसंत पंचमी 09 फरवरी 1981,
शिक्षा: मुंबई विद्यापीठ से MA हिंदी (Goldmedalist) वर्ष 2003, B.Ed. वर्ष 2005, “कथाकार अमरकांत: संवेदना और शिल्प” विषय पर डॉ. रामजी तिवारी के निर्देशन में वर्ष 2009 में PhD, MBA (मानव संसाधन) वर्ष 2014, MA English वर्ष 2018
संप्रति: के एम अग्रवाल महाविद्यालय (मुंबई विद्यापीठ से सम्बद्ध ) कल्याण पश्चिम, महाराष्ट्र में सहायक आचार्य हिन्दी विभाग में 14 सितंबर 2010 से कार्यरत।
शोध परियोजना:
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“भारत में किशोर लड़कियों की तस्करी” इस विषय पर मुंबई विद्यापीठ से MRP, वर्ष 2011
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“हिन्दी ब्लागिंग” पर UGC स्वीकृत MRP,वर्ष 2013
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UGC रिसर्च अवार्डी (RA) के रूप में हिंदी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक कार्य।
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मुंबई विद्यापीठ से “लोक कवि प्रशांत मोरे” पर MRP स्वीकृत, वर्ष 2017
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ICSSR IMPRESS नई दिल्ली द्वारा “मालेगांव सिनेमा” पर MRP स्वीकृत, वर्ष 2019
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IIAS शिमला में UGC IUC कार्यक्रम के तहत “असोसिएट” रूप में वर्ष 2011 से वर्ष 2017 तक निर्धारित कार्य।
सृजन:
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राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पत्र – पत्रिकाओं /पुस्तकों इत्यादि में 67 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित।
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150 से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों / वेबिनारों में सहभागिता।
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10 राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजक के रूप में सफ़ल आयोजन।
प्रकाशन:
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हिंदी और अंग्रेजी की लगभग 18 पुस्तकों का संपादन।
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अमरकांत को पढ़ते हुए – हिंदयुग्म नई दिल्ली से वर्ष 2014 में प्रकाशित।
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इस बार तुम्हारे शहर में – कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2018 में प्रकाशित।
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अक्टूबर उस साल – कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2019 में प्रकाशित।
ब्लॉग और वेबसाइट:
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www.manishkumarmishra.com
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https://onlinehindijournal.blogspot.com
लेखक की कृतियाँ
- साहित्यिक आलेख
- कविता
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- आज अचानक हुई बारिश में
- आजकल इन पहाड़ों के रास्ते
- आठ मार्च, विश्व महिला दिवस मनाते हुए
- इन पहाड़ों मेँ आकर
- इन रास्तों का अकेलापन
- इस महामारी में
- उतरे हुए रंग की तरह उदास
- उस ख़्वाब के जैसा
- उसने कहा
- एक वैसी ही लड़की
- काश तुम मिलती तो बताता
- चाँदनी पीते हुए
- चाय का कप
- जब कोई किसी को याद करता है
- जीवन के तीस बसंत के बाद
- जो भूलती ही नहीं
- ताशकंद
- ताशकंद शहर
- तुमसे बात करना
- दीपावली – हर देहरी, हर द्वार
- नए साल से कह दो कि
- निषेध के व्याकरण
- नेल पालिश
- बनारस 01 - बनारस के घाट
- बनारस 02 - बनारस साधारण तरीके का असाधारण शहर
- बनारस 03 - यह जो बनारस है
- बनारस 04 - काशी में शिव संग
- ब्रूउट्स यू टू
- मैंने कुछ गालियाँ सीखी हैं
- मोबाईल
- युद्ध में
- वह सारा उजाला
- वो मौसम
- शायद किसी दिन
- शास्त्री कोचासी, ताशकंद
- शिकायत सब से है लेकिन
- हम अगर कोई भाषा हो पाते
- हर घर तिरंगा
- हिंदी दिवस मनाने का भाव
- सजल
- नज़्म
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