हर घर तिरंगा
डॉ. मनीष कुमार मिश्राहर घर तिरंगा
लहराया है
बड़ी शान से सब ने देखो
घर घर तिरंगा फहराया है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव
बड़े भाग्य से आया है
मर मिटे मातृभूमि के ख़ातिर जो
उनका लहू रंग ये लाया है।
एकता, अखंडता और संप्रभुता का
संकल्प सभी ने दुहराया है
भारत माता का आँचल
परचम बनकर लहराया है।
हर घर तिरंगा अभियान नहीं
यह एक गौरव गान है
संचित, सिंचित संकल्पों का
नव पर नव की अभिलाषा का
यह स्वर्णिम नया विहान है।
हर घर तिरंगा फहराए
हर घर तिरंगा लहराएँ
गौरव का अमृत चखें सभी
अमृत महोत्सव आया है।
हर घर तिरंगा . . . !