नए साल से कह दो कि
डॉ. मनीष कुमार मिश्रामेरी ज़िंदगी में
आने वाले हर
नए साल से कह दो कि-
वह बिलकुल तुम्हारी तरह हो
शोख़, चंचल और मासूम
इतनी मुलायम और मख़मली
जितना कि प्यार का हर सपना
और इतनी गर्म भी
जितनी कि ज़िंदगी की साँसें
नए साल का रिश्ता,
उम्मीदों से वैसा ही हो
जैसा कि हम दोनों का सालों से है
नए साल की हर आहट
तेरे क़दमों की आहट सी हो
नए साल में सुलझना हर उलझन का ,
आसान हो उतना ही जितना कि -
तेरी रेशमी ज़ुल्फों का सँवर जाना
तेरी आँखों में बसे हर मासूम सपने की तरह
दुनिया बनती रहे
सजती रहे
सँवरती रहे
आने वाला हर नया साल
तुम्हारी तरह प्यार से भरा हो
तुम्हारी तरह ही ख़ास हो
तुम्हारी तरह ही मुस्कुराता हुआ
ज़िंदगी को ज़िंदादिली से जीने का
ख़ूबसूरत पैग़ाम हो।