डॉ. मनीष कुमार मिश्रा संत नामदेव पुरस्कार से सम्मानित

01-04-2023

डॉ. मनीष कुमार मिश्रा संत नामदेव पुरस्कार से सम्मानित

डॉ. मनीष कुमार मिश्रा (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

के.एम. अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण पश्चिम में हिंदी विभाग प्रमुख के रूप में कार्यरत डॉ. मनीष कुमार मिश्र को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की तरफ़ से वर्ष 2020-21 के विधा पुरस्कारों के अंतर्गत संत नामदेव पुरस्कार (स्वर्ण पदक) से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार उनके काव्य संग्रह “इस बार तुम्हारे शहर में” के लिए प्रदान किया गया। डॉ. मनीष कुमार मिश्र विगत 13 वर्षों से के.एम. अग्रवाल महाविद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने डॉ. रामजी तिवारी के निर्देशन में “कथाकार अमरकांत: संवेदना और शिल्प” इस विषय पर पीएच.डी. उपाधि प्राप्त की है। आप को मुंबई विद्यापीठ से एम.ए. हिंदी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने हेतु वर्ष 2003 में श्याम सुंदर गुप्ता स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

“इस बार तुम्हारे शहर में” के अलावा उनके दो काव्य संग्रह और प्रकाशित हैं “अक्टूबर उस साल” और “अमलतास के गालों पर”। आप का एक कहानी संग्रह “स्मृतियां” शीर्षक से प्रकाशित हो चुका है। “अमरकांत को पढ़ते हुए” शीर्षक से एक समीक्षात्मक ग्रंथ भी आपका प्रकाशित है। हिंदी और अंग्रेज़ी की लगभग 33 किताबों का कुशल संपादन आपके द्वारा हुआ है। देश-विदेश में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद एवं संगोष्ठी आयोजित करने के लिए भी आप जाने जाते हैं। आप ने देश भर में अब तक 12 से अधिक परिसंवाद आयोजित किए हैं, जिसके लिए अनेकों राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वारा उन्हें अनुदान प्राप्त हुआ है। 

अंतर विषयी शोध कार्यों में भी आपका महत्त्वपूर्ण योगदान है। आपने बहुत सारे शोध प्रकल्प विभिन्न सरकारी संस्थानों के लिए पूरे किए हैं। वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक आप यूजीसी रिसर्च अवॉर्डी के रूप में चुने गए और दो साल तक बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में रहते हुए आपने अपना शोध कार्य पूरा किया। आईसीएसएसआर इंप्रेस के लिए आपने एक बड़ा महत्त्वपूर्ण काम मालेगांव के सिनेमा पर किया। मालेगांव के सिनेमा पर संभवतः यह देश का पहला कार्य रहा। हिंदी ब्लॉगिंग और वेब मीडिया के क्षेत्र में भी आपने अनेकों पुस्तकों का संपादन एवं राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिसंवाद का आयोजन किया है। 

डॉ. मनीष कुमार मिश्र अकादमिक जगत में लगातार अपनी सक्रियता बनाए रखते हैं। देश के कई राज्यों के लोक सेवा आयोग के लिए आप परीक्षा संबंधी कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालयों के अध्ययन मंडल के सदस्य के रूप में भी आप कार्यरत हैं। आप भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में वर्ष 2011 से एसोसिएट के रूप में जुड़े हुए हैं। यूजीसी केयर लिस्टेड “समीचीन” एवं “अनहद लोक” पत्रिका के संपादन मंडल से भी आप जुड़े हैं। आप अंग्रेज़ी साहित्य से एम.ए. और मानव संसाधन में एमबीए डिग्री भी प्राप्त कर चुके हैं। प्रबंधन के क्षेत्र में पीएच.डी. का शोध कार्य भी आप मुंबई विद्यापीठ से कर रहे हैं। आप हिंदी में शोध निदेशक भी हैं। 

कोविड 19 के कठिन समय में आप ने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा संपोषित “75 साल 75 व्याख्यान” नामक आनलाइन व्याख्यान शृंखला को पूरे एक साल तक सफलतापूर्वक चलाया। अपनी अकादमिक गतिविधियों से आप लगातार हिंदी साहित्य की सेवा में जुटे हैं। 

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