मृत्यु कलिका – 01 

15-10-2024

मृत्यु कलिका – 01 

अनिमा दास (अंक: 263, अक्टूबर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

(सॉनेट-28) 

नहीं करती शोक अभिव्यक्त कभी 
रहते मौन मन के जितने क्षत सभी 
देता है आमत्रंण यह अंतिम समय 
आओ! शीघ्र करो देह का विलय। 
 
नभ है निर्मेघ . . आज पथ है प्रथित 
शिशिर शीकर से विग्रह है प्लावित 
क्रंदन नहीं ये . . . हैं मोहमुक्त श्लोक 
ऐ मधुक्षरा! त्याग रही हूँ . . . भूलोक। 
 
त्याग रही . . यंत्रणाओं का कारागृह 
स्वर्णिम मृग से आत्मा हुई निस्पृह
छाई है मंदिमा अब मेरी काया पर 
एकत्रित हो रहें अश्रुजल लिए कर। 
 
ऐ मृत्यु कलिका! शेष है इच्छा एक 
ऋणमुक्त कर मुझे, दे पुष्प अनेक। 

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