जो भी हो

01-07-2024

जो भी हो

नरेंद्र श्रीवास्तव (अंक: 256, जुलाई प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

जब भी बनना नायक बनना। 
कभी नहीं खलनायक बनना॥
 
जो भी हो कौशल जितना भी। 
औरों को सुखदायक बनना॥
 
लगा जान की बाज़ी जमकर। 
जीवन में फलदायक बनना॥
 
पक्षपात से बचना सदैव। 
निष्ठा रख निर्णायक बनना॥
 
नहीं असंभव, मुश्किल 'नरेन्द्र'। 
कोशिश कर के लायक़ बनना॥

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