ये मातृ भूमि का वन्दन है 

15-08-2021

ये मातृ भूमि का वन्दन है 

सुषमा दीक्षित शुक्ला  (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

ये मातृभूमि का वंदन है अभिनंदन है। 
हम  सब तेरे रखवाले  माँ,
ये माँ बच्चों का बंधन है।
ये मातृभूमि का वन्दन है अभिनन्दन है।


तेरी  आन न जाने पाये,
तुझपे जान लुटा देंगे।
तेरे चरणों में लाकर के,
शत्रु शीश झुका देंगे।
ये मातृभूमि का वन्दन  है अभिनंदन है।


हम  सब तेरे रखवाले माँ,
ये माँ बच्चों का बंधन है।
चंदन जैसी तेरी ममता,
है रखनी  तेरी शान हमें।
अगर ज़रूरत पड़ी वक़्त पर,
न्योछावर है  प्राण  तुम्हें।
ये मातृभूमि का वन्दन  है अभिनंदन है।

हम सब तेरे रखवाले,
माँ ये माँ बच्चों का बंधन है।
माँ तेरा क्रंदन असहनीय,
ऐ! मातृभूमि तू प्यारी है।
हम तेरे प्यारे बालक हैं,
तू हम सब की फुलवारी है।
ये मातृभूमि का वंदन है अभिनंदन है।


हम सब तेरे रखवाले माँ ,
ये माँ बच्चों का बंधन है।

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