नव वर्ष की मंगल बेला पर

31-12-2004

नव वर्ष की मंगल बेला पर

सुमन कुमार घई

नव वर्ष की मंगल बेला पर
नव मंगल जीवन गीत लिखें

 

बीते पतझड़ के पत्तों को
शुभ्र हिम ने अवतान दिया
मन में चिर संचित पीड़ा का
नव पृष्ठ पलट, अवसान किया

 

हृदय के उज्ज्वल पन्ने पर,
नवेद करूँ, आओ प्रीत लिखें

 

छूटे जो मार्ग में साथी
करें उनसे समावायन
बीते पल स्मृति में बाँध
करें पुन: मैत्री आवाहन

 

समय ने फिर दिया है समय
उठा लेखनी, आओ मीत लिखें

 

करता हूँ स्वीकार कि जीवन
था कभी विषम, कभी कठिन
पर साथ-साथ चल काटी राहें
न हुए कभी हम दिगभ्रमित

 

आसन्न है - अब तो लक्ष्य
चल दो डग, आओ जीत लिखें

 

आज फिर मन में गूँज उठी
हो गई पुन मनवीण झँकृत
अन्तर्मन गाए सद्‌भाव रागिनी
है देह पुलकित, भाव तरंगित

 

कर स्नेह संगीत सुधा रसपान
नव मंगल जीवन गीत लिखें

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