सुमन कुमार घई
जन्म: अम्बाला (भारत)
शिक्षा: बी.एससी. (पंजाब विश्वविद्यालय); डिप्लोमा कंप्यूटर टेक्नॉलोजी (सी.डी.सी. कैनेडा)
1973 में कैनेडा में आए। छह वर्षों तक कंप्यूटर क्षेत्र में काम करने के बाद 35 वर्षों तक पारिवारिक व्यवसाय में संलग्नता।
इंटरनेट पर हिन्दी के आरम्भिक दिनों में पहले hindinest.com और बाद में अनुभूति-अभिव्यक्ति में प्रकाशन।
2003 में साहित्य कुञ्ज.नेट की स्थापना।
लेखन विधाएँ और प्रकाशन:
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भारत और भारतेत्तर संकलनों, पत्र-पत्रिकाओं, इंटरनेट की साहित्यिक पत्रिकाओं में कहानियाँ, कविताएँ, समीक्षाएँ और आलेख इत्यादि प्रकाशित।
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"लाश व अन्य कहानियाँ" (कहानी संकलन- ई-पुस्तक) पुस्तक बाज़ार.कॉम द्वारा प्रकाशित
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"वह लावारिस नहीं थी" (प्रवासी कथाकार शृंखला) प्रलेक प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड,ठाणे (महाराष्ट्र)
संपादन:
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साहित्य कुञ्ज.नेट का संपादक और प्रकाशक
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pustakbazaar.com (संपादक और प्रकाशक)
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कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका "हिन्दी चेतना" का चार वर्षों तक सह-संपादन
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हिन्दी टाइम्स (साप्ताहिक) कैनेडा के समाचार पत्र का पाँच वर्षों तक प्रमुख संपादक
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कैनेडा से प्रकाशित 16 से अधिक साहित्यिक पुस्तकों का संपादन
संस्थान सम्बद्धता:
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हिन्दी राइटर्स गिल्ड, कैनेडा का सह-संस्थापक और निदेशक
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हिन्दी साहित्य सभा, कैनेडा का भूतपूर्व महा-सचिव
अन्य: हिन्दी साहित्य से संबंधित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में वक्ता और सत्र संचालन
सम्प्रति: सेवा निवृत्त और पूर्णतया हिन्दी साहित्य को समर्पित।
लेखक की कृतियाँ
- रचना समीक्षा
- कहानी
- कविता
- साहित्यिक आलेख
- पुस्तक समीक्षा
- पुस्तक चर्चा
- किशोर साहित्य कविता
- सम्पादकीय
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- लघुकथा की त्रासदी
- अंक प्रकाशन में विलम्ब क्यों होता है?
- आवश्यकता है युवा साहित्य की
- उलझे से विचार
- एक शब्द – किसी अँचल में प्यार की अभिव्यक्ति तो किसी में गाली
- कितना मीठा है यह अहसास
- कैनेडा में सप्ताहांत की संस्कृति
- कैनेडा में हिन्दी साहित्य के प्रति आशा की फूटती किरण
- चिंता का विषय - सम्मान और उपाधियाँ
- नए लेखकों का मार्गदर्शन : सम्पादक का धर्म
- नव वर्ष की लेखकीय संभावनाएँ, समस्याएँ और समाधान
- नींव के पत्थर
- पतझड़ में वर्षा इतनी निर्मम क्यों
- पुस्तकबाज़ार.कॉम आपके लिए
- प्रथम संपादकीय
- बेताल फिर पेड़ पर जा लटका
- भारतेत्तर साहित्य सृजन की चुनौतियाँ - उत्तरी अमेरिका के संदर्भ में
- भारतेत्तर साहित्य सृजन की चुनौतियाँ - दूध का जला...
- भाषण देने वालों को भाषण देने दें
- भाषा में शिष्टता
- मुख्यधारा से दूर होना वरदान
- मेरी जीवन यात्रा : तब से अब तक
- मेरी थकान
- मेरी प्राथमिकतायें
- विश्वग्राम और प्रवासी हिन्दी साहित्य
- श्रेष्ठ प्रवासी साहित्य का प्रकाशन
- सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान
- सपना पूरा हुआ, पुस्तक बाज़ार.कॉम तैयार है
- साहित्य का व्यवसाय
- साहित्य कुंज को पुनर्जीवत करने का प्रयास
- साहित्य कुञ्ज एक बार फिर से पाक्षिक
- साहित्य कुञ्ज का आधुनिकीकरण
- साहित्य कुञ्ज में ’किशोर साहित्य’ और ’अपनी बात’ आरम्भ
- साहित्य को विमर्शों में उलझाती साहित्य सत्ता
- साहित्य प्रकाशन/प्रसारण के विभिन्न माध्यम
- स्वतंत्रता दिवस की बधाई!
- हिन्दी टाईपिंग रोमन या देवनागरी और वर्तनी
- हिन्दी भाषा और विदेशी शब्द
- हिन्दी लेखन का स्तर सुधारने का दायित्व
- हिन्दी वर्तनी मानकीकरण और हिन्दी व्याकरण
- हिन्दी व्याकरण और विराम चिह्न
- हिन्दी साहित्य की दशा इतनी भी बुरी नहीं है!
- हिन्दी साहित्य के पाठक कहाँ हैं?
- हिन्दी साहित्य के पाठक कहाँ हैं? भाग - २
- हिन्दी साहित्य के पाठक कहाँ हैं? भाग - ३
- हिन्दी साहित्य के पाठक कहाँ हैं? भाग - ४
- हिन्दी साहित्य सार्वभौमिक?
- हिन्दी साहित्य, बाज़ारवाद और पुस्तक बाज़ार.कॉम
- ग़ज़ल लेखन के बारे में
- फ़ेसबुक : एक सशक्त माध्यम या ’छुट्टा साँड़’
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