यार ज़माना देख लिया है

01-03-2021

यार ज़माना देख लिया है

अविनाश ब्यौहार (अंक: 176, मार्च प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

22 22 22 22
 
यार ज़माना देख लिया है।
पैसा खाना देख लिया है॥
 
कितनी भर्रेशाही दिखती,
मैंने थाना देख लिया है।
 
तय होती है उसकी शादी,
आज लजाना देख लिया है।
 
पैबंद लगी पहने धोती,
अंग दिखाना देख लिया है।
 
भूख लगी है भूख लगी है,
भीख मँगाना देख लिया है।

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