वन-महोत्सव

01-08-2024

वन-महोत्सव

वेद भूषण त्रिपाठी (अंक: 258, अगस्त प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

आओ जन-जन स्नेह भाव से
संकल्पित हो जाएँ। 
फल-फूल, वनौषधि-प्रयुक्त 
देव-वृक्ष लगाएँ। 
गाँव शहर के वन-उपवन की
नक्षत्र वाटिका सजाएँ। 
वृक्षों का मधुमय बाग़ लगाकर
सुख समृद्धि यश पाएँ। 
पर्यावरण वन जल संरक्षित कर 
सुख मंगल वर्षाएँ। 
सेवित वृक्षों के संरक्षण संवर्धन
का संकल्प उठाएँ। 
माता-पिता परिजन की सेवा
देव-वृक्ष को न बिसराएँ। 
हरे-भरे प्रफुल्लित वृक्षों को
वृक्ष-पातन से सदा बचाएँ। 
मानवीय जीवन में वृक्षारोपण
को अपना संस्कार बनाएँ। 
धरती शस्य श्यामला बनाकर
प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाएँ। 
भावी-पीढ़ी संरक्षित कर
संतति-जीवन सुखमय पाएँ। 
सुख समृद्ध ऐश्वर्य बढ़ाकर
भारत गौरवमयी बनाएँ। 
आओ जन-जन स्नेह भाव से
संकल्पित हो जाएँ। 
फल-फूल वनौषधि-प्रयुक्त
देव वृक्ष लगाएँ। 

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