एक पेड़ माँ के नाम
वेद भूषण त्रिपाठी
आओ जन-जन स्नेह भाव से
संकल्पित हो जाएँ।
जीवनदायिनी धरती माँ को
भूल से न बिसराएँ।
धरती अंबर जल जंगल के
हम रक्षक बन जाएँ।
जन्मदात्री माँ के नाम पर
देव-वृक्ष लगाएँ।
हरे-भरे प्रफुल्लित वृक्षों को
वृक्ष-पातन से सदा बचाएँ।
भावी पीढ़ी संरक्षित कर
संतति जीवन सुखी बनाएँ।
वन उपवन को हरा-भरा कर
प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाएँ।
गाँव-गाँव हर नगर शहर में
सुख मंगल वर्षाएँ।
देव-तुल्य पितृ-देव हमारे
भूलकर न बिसराएँ।
पितृपक्ष में पितृ-देव के नाम
कल्पवृक्ष लगाएँ।
पितृदोष को दूर भगाकर
जीवन धन्य बनाएँ।
आओ जन-जन स्नेह भाव से
संकल्पित हो जाएँ।
जीवनदायिनी धरती माँ को
भूल से न बिसराएँ।
धरती अंबर जल जंगल के
हम रक्षक बन जाएँ।
जन्मदात्री माँ के नाम पर
देव-वृक्ष लगाएँ।
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