स्वातंत्र्योत्सव: हर घर तिरंगा
वेद भूषण त्रिपाठी(आजा़दी का अमृतमहोत्सव)
आओ जन-जन स्नेहभाव से
संकल्पित हो जाएँ।
भारतीय संस्कृति का संवर्धन कर
राष्ट्रीय उत्कर्ष बढ़ाएँ।
आजा़दी का अमृतमहोत्सव
गौरवमयी बनाएँ।
राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रगान का
यश वैभव फैलाएँ।
सुख समृद्धि शान्ति का प्रतीक
राष्ट्रीय तिरंगा लहराएँ।
हर घर तिरंगा फहराकर
स्वातंत्र्योत्सव मनाएँ।
वसुधैव-कुटुंबकम् सुविचार
प्रकृति का मान बढ़ाएँ।
सत्यमेव जयते राष्ट्रवाद का
नारा बुलंद कराएँ।
जन गण मन का मान बढ़ाकर
मानव जीवन धन्य बनाएँ।
स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों
की गौरव गाथा गाएँ।
एकता अखंड़ता सद्भाव बढ़ाकर
जन-जन आगे बढ़ जाएँ।
मातृशक्ति का मान बढ़ाकर
सुख समृद्धि वैभव पाएँ।
स्वदेशी यांत्रिक रक्षा-उत्पाद बढ़ाकर
वैश्विक महाशक्ति बन जाएँ।
भारत माँ को शीश झुकाकर
राष्ट्रभक्ति में रम जाएँ।
स्वर्णिम भारत राष्ट्र बनाकर
विश्व पताका फहराएँ।
वंदेमातरम् जय हिंद का शंखनाद
सृष्टि में गुंजाएँ।
राष्ट्रीयता की अलख जगाकर
सामाजिक सौहार्द बढ़ाएँ।
आओ जन-जन स्नेहभाव से
संकल्पित हो जाएँ।
भारतीय संस्कृति का संवर्धन कर
राष्ट्रीय उत्कर्ष बढ़ाएँ।
आजा़दी का अमृत महोत्सव
गौरवमयी बनाएँ।
1 टिप्पणियाँ
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देश की आन बान शान तिरंगा
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