हिमालय संरक्षण दिवस
वेद भूषण त्रिपाठी
आओ जन-जन स्नेहभाव से
संकल्पित हो जाएँ।
राष्ट्र के सशक्त प्रहरी हिमालय का
वैश्विक मान बढ़ाएँ।
प्रकृति मानव वन्यजीव के
रक्षक हम बन जाएँ।
जल निधियों का संरक्षण कर
प्रकृति दायित्वबोध कराएँ।
प्लास्टिक-कचरा वाहन-प्रदूषण
रहित स्वच्छ जीवन अपनाएँ।
भावी पीढ़ी संरक्षित कर
संतति जीवन सुखी बनाएँ।
धरती के जल भंडार ‘ग्लेशियर’
जल-प्लावन से सदा बचाएँ।
प्राकृतिक आधारित जैव-विविधता
वृक्षों का अंबार लगाएँ।
पारिस्थितकी तंत्र के संरक्षण में
मानवीय सद्भाव बढ़ाएँ।
हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशीलता
भूलकर भी न बिसराएँ।
प्रकृति संरक्षण संवर्धन के प्रति
जन जागृति फैलाएँ।
विवेकशील जीवन अपनाकर
विलासिता को दूर भगाएँ।
हिमालयी क्षेत्र को प्रकृति आपदा
के बंधन से मुक्त कराएँ।
आपदाओं को दृष्टिगत रखकर
हिमालय को झंझावात से बचाएँ।
वर्षाकाल की प्रकृति जलधारा से
प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाएँ।
प्रकृति शस्यश्यामला बनाकर
मनुजीवन को स्वर्ग बनाएँ।
आओ जन-जन स्नेहभाव से
संकल्पित हो जाएँ।
राष्ट्र के सशक्त प्रहरी हिमालय का
वैश्विक मान बढ़ाएँ।
प्रकृति मानव वन्यजीव के
के रक्षक हम बन जाएँ।
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