एक भारत श्रेष्ठ भारत

15-11-2022

एक भारत श्रेष्ठ भारत

वेद भूषण त्रिपाठी (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

सभी मनुष्य समान हों
सभी विचारवान हों। 
मन चित्त समान हो
यज्ञ कार्य समान हो। 
सत्कर्म समान हो
राष्ट्रीयता का मान हो। 
 
ज्ञान-कर्म एक हो
भावनाएँ नेक हों। 
मिल-जुल कर रहें
सतत् बढ़ते रहें। 
समरूपता से रहें
निर्विघ्नता से रहें। 
 
सत्वृत्तियों का संवर्धन हो
दुष्वृत्तियों का उन्मूलन हो। 
सतत् लगे रहें सभी
कोई विघ्न न हो कभी। 
आदि-शक्ति का मान हो
सहजता का ज्ञान हो। 
श्रीसमृद्धि बढ़े सदा
हो शांति संपन्नता। 
सभी मनुष्य समान हों
सभी विचारवान हों। 

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