नव-संवत्सर 

15-04-2024

नव-संवत्सर 

वेद भूषण त्रिपाठी (अंक: 251, अप्रैल द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

नव-संवत्सर के स्वागत में 
सृष्टि सृजन पर हर्ष। 
सत्य सनातन धर्म संस्कृति 
मंगलमय नव वर्ष। 
नव्यधान्य से आच्छादित हो
मानव का उत्कर्ष। 
अवध धाम की पावनता का
प्रकृति है प्रतिदर्श। 
सूर्य देव के शुभ आशिष का
करें न अब प्रतिकार। 
रामलला का सूर्य तिलक से 
होगा नव सत्कार। 
श्रीराम जन्मोत्सव की शुभ
मंगल वेला आई। 
संपूर्ण सृष्टि में प्रकृति ने 
अद्भुत लीला रचाई। 
अवध धाम में रामोत्सव पर
मुदित हुए रघुराई। 
आओ जन-जन स्नेह भाव से
मंगलदीप जलाएँ। 
वैश्विक मान बढ़ाकर जग में
सार्वभौमिकता लाएँ। 
सरयू माँ के शुभ आशिष से
जीवन धन्य बनाएँ। 
नव-संवत्सर के स्वागत में
सृष्टि सृजन पर हर्ष। 
सत्य सनातन धर्म संस्कृति
मंगलमय नव वर्ष। 

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