अयोध्या धाम
वेद भूषण त्रिपाठी
जहाँ है पावन अयोध्या धाम
वहाँ बसते जन-जन में राम।
जहाँ बहती सरयू अविराम
वहाँ सद्भाव संस्कृति धाम।
जहाँ के राजा हैं प्रभु राम
वहीं के ऋषभदेव भगवान।
जहाँ हैं दशरथ नंदन राम
वहीं हैं विष्णु स्वरूप भगवान।
जहाँ हैं अंजनि सुत भगवान
वहीं हैं नागेश्वर भगवान।
जहाँ हैं पवन पुत्र हनुमान
वहीं है जन्मभूमि श्रीराम।
जहाँ है जनक नंदिनी धाम
वहीं हैं सीता पति भगवान।
जहाँ है नागकेशरी धाम
वहीं हैं तुलसी के श्रीराम।
जहाँ है वाल्मीकि ऋषिधाम
वहीं है लव-कुश का विश्राम।
जहाँ है जन-जन का सम्मान
वहाँ के राजा हैं प्रभु राम।
जहाँ है पावन अयोध्या धाम
वहाँ बसते जन-जन में राम।
जहाँ बहती सरयू अविराम
वहाँ सद्भाव संस्कृति धाम।
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