रामलला की प्राणप्रतिष्ठा

15-01-2024

रामलला की प्राणप्रतिष्ठा

वेद भूषण त्रिपाठी (अंक: 245, जनवरी द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

सृष्टि जगत के श्रद्धालु जन 
सरयू तट पर आएँगे। 
 
दरस-परस मज्जन कर जल का
पुण्य-पुंज खिलाएँगे। 

भारतीय संस्कृति संरक्षित कर
मंगलदीप जलाएँगे। 
 
अवध धाम की पावनता का
वैश्विक मान बढ़ाएँगे। 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का
पूर्ण आनंद मनाएँगे। 
 
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर
धन्य-धन्य हो जाएँगे। 
 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
गौरवमयी बनाएँगे। 
 
दशविधि स्नान आत्मशुद्धि से
अनुष्ठान कराएँगे। 
 
अनुष्ठान में शामिल होकर 
जीवन धन्य बनाएँगे। 
 
विष्णु पूजन पंचगव्यप्रासन 
गोदान परंपरा निभाएँगे। 
 
सृष्टि के देवता गोवर्धन को
गौरवान्वित कराएँगे। 
 
वैदिक धर्म का निर्वाहन कर 
सुख मंगल वर्षाएँगे। 

स्वयं तरेंगे स्नेह भाव से
पितरों को भी तराएंगे। 
 
प्राणाहुति रामभक्तों को
श्रद्धासुमन चढ़ाएँगे। 
 
रामलला की प्रतिमा लेकर
कलश यात्रा जाएँगे। 
 
मंडप प्रवेश वास्तु पूजन से
वरुण देव हर्षाएंगे। 

विघ्नहर्ता गणेश का आह्वान कर
मातृका पूजन कराएँगे। 
 
रामलला की पूज्य मूर्ति का
जलाधिवास कराएँगे। 
 
दीप प्रज्ज्वलित कर यज्ञवेदी पर
पूजन-हवन कराएँगे। 
 
यज्ञाग्नि अरणि मंथन कर
वैदिक मंत्र गुंजाएँगे। 
 
अमृत जल से अभिसिंचित कर
पावन पवित्र बनाएँगे। 
 
वास्तुशांति अन्नाभिषेक कर
शैय्याधिवास कराएँगे। 
 
रामायण के काकभुशुण्डि का
पुण्य प्रताप बताएँगे। 
 
सुमेरू पर्वत कुबेर टीला की
महिमा का गुण गाएँगे। 
 
सृष्टि जगत के श्रद्धालु जन
सरयू तट पर आएँगे। 
 
दरस-परस मज्जन कर जल का
पुण्य-पुंज खिलाएँगे। 
 
भारतीय संस्कृति संरक्षित कर
मंगलदीप जलाएँगे। 
 
अवध धाम की पावनता का
वैश्विक मान बढ़ाएँगे। 
 
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का
पूर्ण आनंद मनाएँगे। 
 
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर
धन्य-धन्य हो जाएँगे। 
 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
गौरवमयी बनाएँगे। 

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