मैं चेतना हूँ 

01-04-2023

मैं चेतना हूँ 

चेतना सिंह ‘चितेरी’ (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)


मैं सोचती हूँ, 
जन्मतिथि पर तुम्हें क्या उपहार दूंँ, 
तुम स्वयं में चेतना हो। 
 
जीवन जीने की कला है तुममें, 
तुम्हें क्या सीख दूँ, 
तुम स्वयं में प्रज्ञा हो। 
 
नित नवीन सद्विचार लाती हो, 
तुम्हें क्या उपदेश दूँ, 
तुम स्वयं में ज्ञानवती हो। 
 
जन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ देती हो, 
तुम्हें क्या याद दिलाऊँ, 
तुम स्वयं में सुधि प्रकाश हो। 
 
 मैं तुम्हें हृदय से पुकारती हूँ, 
सुनो चेतना! मेरी अंतरात्मा की आवाज़, 
 
इस दिवस उर-मस्तिष्क की बधाई स्वीकार करो, 
स्वयं के साथ-साथ औरों का उद्धार करो। 

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