क्या चाँद को चेचक हुआ था?

क्या चाँद को चेचक हुआ था?  (रचनाकार - कुमार लव)

18.

 

कुल मिलाकर, उम्र के साथ ख़ुशियाँ बढ़ती हैं। 
कुल मिलाकर, धन के साथ ख़ुशियाँ बढ़ती हैं। 
 
और जो बुढ़ापे में ख़ुश नहीं रहते
वे ख़ुद में इतने खोए हैं कि 
ख़ुशियाँ उन्हें ढूँढ़ नहीं पातीं। 
 
दरअसल, बात यह नहीं कि चाँद मुट्ठी में नहीं आया, 
पर यह कि उनके फ़ैसलों का इसमें कुछ असर था। 
निर्णयों के बोझ ने उन्हें झुका दिया है। 
बस चाँद ही क्यों, और बहुत था जो अपने हाथ में नहीं था। 
 
हाँ, एक चीज़ अपने हाथ में है, और वह है ख़ुश रहना। 
या फिर बेवजह तक़रीर करना, वह भी अपने हाथ में है। 
 
बस, और क्या? 

<< पीछे : 17.  क्रमशः