हूँ / फ़्रीडम हॉल

03-05-2012

हूँ / फ़्रीडम हॉल

कुमार लव

आज
तुम पूछते हो
कल-सी क्यों नहीं? 
 
पर कल भी तुम
मुझसे ख़ुश न थे! 
 
कहते हो—
कमज़ोर हूँ, 
नहीं है ठहराव! 
 
क्यों तुम्हें खटकती है, 
मेरी यह स्वतंत्रता? 
 
मैं
तुमसे ही नहीं, 
अपने कल से भी
स्वतंत्र हूँ! 
 
मुझे समझ लो अगर
पूर्णता में, 
तो क्या यह मेरी
मौत न होगी? 
 
विचार, 
तरल न हों, 
तो विचार कैसे? 

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