भीतर तुम्हारे, 
(हाँ, वहीं!! ) 
मैं क़रीब महसूस करता हूँ-
ईश्वर के
(जाने ज़िन्दा हैं भी या नहीं) 
 
और तुमने, 
धीरे-धीरे चुरा ली
मेरी आवाज़, 
(हाँ, कभी मेरे पास भी थी वह! ) 
 
यहाँ से निकलने का
एक रास्ता जानता हूँ, 
पर
अभी तो सारी ज़िन्दगी बाक़ी है। 
(हाँ, अब भी यही लगता है) 

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