याद है तुमको
गर्मियों की एक सुबह
एक बादल राह भूल कर
आ गया था तुम्हारी बालकनी पर।
गर्मियों की छुट्टियाँ थीं,
कुछ बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट
धूप चढ़ने से पहले।
तबियत से लगा था एक शॉट
और बॉल ने कर दिया एक सूराख़
बादल में।
ख़ूब बरसा था पानी उस दिन,
पूरी भीग गई थीं तुम
बालकनी में खड़ी-खड़ी।
पर उस गेंद का क्या हुआ?
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