क्या चाँद को चेचक हुआ था?

क्या चाँद को चेचक हुआ था?  (रचनाकार - कुमार लव)

6.

 

क्या तुम्हारी बालकनी से 
दिखते हैं कभी 
मदमस्त बुलडोज़र? 
 
वहाँ से तो
बच्चों के खिलोनों से 
लगते होंगे बुलडोज़र? 
 
राशन का ट्रक पहुँचे, न पहुँचे, 
देर-सबेर पहुँच ही जाता है 
बुलडोज़र। 
 
डाकिया भले न ढूँढ़ पाए 
ढूँढ़ ही निकालता है 
बुलडोज़र। 
 
सुना है, बहुत गड्ढे हैं चाँद पर
उन्हें भी समतल कर देंगे 
बुलडोज़र। 

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