हुई ग़ायब सआदत है

01-02-2021

हुई ग़ायब सआदत है

अविनाश ब्यौहार (अंक: 174, फरवरी प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

विजात छंद
1222   1222 

हुई ग़ायब सआदत है
बदी की अब इबादत है
 
जिसे हम ख़ौफ़ समझे थे
असल में सब सलामत है
 
पखेरू शांति के लौटे
जहाँ में बस क़यामत है
 
कुशलता से रहे दुनिया
ख़ुदा की ही इनायत है
 
सभी ने धन बटोरा है
कुपोषित सी दयानत है
 
भरा है कोष सरकारी
अमानत में ख़यानत है
 
अगर तारीफ़ के क़ाबिल
मिली फिर क्यों मलामत है

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