अंजना वर्मा
कवि, कथा-लेखिका एवं गीतकार अंजना वर्मा
नीतीश्वर महाविद्यालय (बी आर ए बिहार यूनिवर्सिटी), मुज़फ्फरपुर में प्रोफ़ेसर एव हिंदी विभागाध्यक्ष के पद पर रहते हुए लंबे समय तक अध्यापन से जुड़ी रही हैं। इनके पिता डॉक्टर गोविंद शरण प्रसिद्ध अस्थि रोग शल्य चिकित्सक थे तथा पति डॉ. एस.के. वर्मा भी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुज़फ्फरपुर में चिकित्सक एवं प्राचार्य रहे। छपरा (बिहार) के एक सुसंस्कृत बुद्धिजीवी परिवार से आने वाली अंजना वर्मा के जीवन का लंबा समय अध्यापन के साथ-साथ शोध-कार्य निर्देशन तथा लेखन में बीता है।
जन्म: 12 फरवरी, मोतिहारी (बिहार)
शिक्षा: एम.ए., पीएच. डी.
प्रकाशन: विविध विधाओं में बीस पुस्तकें प्रकाशित।
कविता-संग्रह
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अनुभूति
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आदमी से
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कोई रुकता नहीं
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चाँद नहीं रोटी
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तुम भी कभी किसी दिन
कहानी-संग्रह
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गिरिजा का पिता
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अंततः एवं अन्य कहानियाँ
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कौन तार से बीनी चदरिया
गीत-संग्रह
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खुरदुरे जो दिख रहे हैं
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एक सीप दे दो
लोरी-संग्रह
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पलकों पर निंदिया
दोहा-संग्रह
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दोहों की आँखें
समीक्षा-पुस्तक
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मुक्तिबोध : एक और चेहरा
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केदारनाथ अग्रवाल और उनकी कविता
यात्रा वृत्त
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यादें उन देशों की
वंदना-संग्रह
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सुमिरनी
बाल साहित्य
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लेडीबग की शादी
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धरती कितनी प्यारी है
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टेडी बे! बोलो ना
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राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के साथ- साथ अंग्रेजी, मराठी, मलयालम तथा नेपाली की भी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
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मौलिक पुस्तकों के अतिरिक्त कई अन्य संग्रहों में रचनाएँ संगृहीत ।
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कई पुस्तकों में व्यक्तित्व और कृतित्व संकलित।
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तीन पुस्तकें प्रकाशन की प्रक्रिया में।
सम्मान:
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साहित्यकार रमण सम्मान (1992 )पटना
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महाकविराकेश गंधज्वार सम्मान (2008)मुजफ्फरपुर
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राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान (2010) उदयपुर
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शब्द साधना सम्मान (2010) मुरादाबाद
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The Rock Pebbles Award (2012) Jajpur, Odisha
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राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास एवं यू एस एम पत्रिका, गाज़ियाबाद द्वारा 'चौराहा 'पत्रिका को प्रशस्ति- पत्र(2013)
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रमण शिखर सम्मान (2014 )मुजफ्फरपुर
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ब्रज साहित्य मणि सम्मान (2015), आगरा
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नीतीश्वर महाविद्यालय विशिष्ट सम्मान (2016), मुज़फ्फ़रपुर
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चित्रांश कुल भास्कर सम्मान (2018), बिलासपुर
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कविता कोश सम्मान (2018)
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सेवक साहित्यश्री सम्मान (2019), वाराणसी
अनुवाद: कई रचनाओं के अंग्रेजी, कन्नड़ मराठी, मलयालम तथा नेपाली में अनुवाद।
मंचन: अमुक आर्टिस्ट ग्रुप, लखनऊ द्वारा कहानी 'हार्स रेस' एवं कविता 'लिखो मेरी कहानी' का मंचन
आडियो: साहित्यिक मंच 'गाथा' तथा बी के इंटरटेनमेंट द्वारा कई कहानियों के ऑडियो बनाए गये हैं।
विशेष: अर्द्धवार्षिक पत्रिका 'चौराहा' का पाँच वर्षों तक संपादन एवं प्रकाशन ।
अन्य कड़ियाँ:
अंजना वर्मा - हिन्दी समय
अंजना वर्मा- कविता कोश
अंजना वर्मा - गद्यकोश
अंजना वर्मा - सेतु द्विभाषी
अंजना वर्मा - Atunis Galaktika
रुचि: बाग़वानी, संगीत, योग।
संप्रति: साहित्य-सृजन में संलग्न।