नाच रही है पृथ्वी

नाच रही है पृथ्वी

नाच रही है पृथ्वी

अंजना वर्मा

स्त्री को उसकी संपूर्णता में तलाश करतीं कविताएँ
डॉ. शशि शर्मा 
(अंक: 248, मार्च प्रथम, 2024 में प्रकाशित)


समीक्षित कृति: नाच रही है पृथ्वी (कविता-संग्रह) 
कवयित्री: अंजना वर्मा
प्रकाशक: श्री साहित्य प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली, 
पृष्ठ:145, 
मूल्य: ₹350/-

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