एक कहानी सुन
अंजना वर्मा(लोरी)
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
एक चिरैया कितना भटकी
दाने की तलाश में।
मोती - से दो दाने पाकर
झूम उठी उल्लास में ।
एक कहानी सुनो ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
जंगल - नदिया पार कर चली
लिये खजाना चोंच में ।
बच्चे मेरे भूखे होंगे ,
डूबी थी इस सोच में ।
एक कहानी सुन,ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
उड़ते-उड़ते पेड़ आ गया ,
पुलक उठी बेचारी ।
बच्चों ने आहट पहचानी ,
फूटी थी किलकारी ।
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
चीं- चीं -चूं- चूं चू लगे माँगने
"~खाना दे दो माता!
इतनी भूख लगी है कि अब
रहा नहीं है जाता ।"
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
खाना देकर लगी सुनाने
लोरी वह गौरैया।
छोटू - मोटू लगे झपकने,
ओ मैया! ओ मैया!
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!