बेटियाँ किस लोक में जाएँगी रहने के लिए

01-05-2025

बेटियाँ किस लोक में जाएँगी रहने के लिए

अंजना वर्मा (अंक: 276, मई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

2122    2122    2122    212
 

बेटियाँ किस लोक में जाएँगी रहने के लिए
उड़ रहे हैं बाज़ चिड़ियों पर झपटने के लिए
 
मृत्यु थी बेहतर, कि पाई यातना हद से अधिक
दुख-भरी अब है कहानी सिर्फ़ कहने के लिए
 
नर-पिशाचों का निशाना बन गई मासूम वह
लाज का धागा बचा ना तन को ढँकने के लिए
 
देह पर थे क्रूरतम दुष्कर्म के इतने निशां
कह रहे थे चीखकर इंसाफ़ करने के लिए
 
लाज भी लज्जा से धरती में समाकर छुप गई
पास करुणा के न थे कुछ शब्द कहने के लिए
 
एक नारी देह की दारुण कथा जिसने सुनी
सुनके आँखों में बचे आँसू न बहने के लिए
 
बात कँगूरों की क्या हो नींव जब हिलने लगी
उठो! अब इंसान की पहचान करने के लिए
 
जानवर भी हो न सकते क्रूर मानव से अधिक
आदमी सबसे बड़ी गाली है देने के लिए

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