नव सृष्टि आधार

15-11-2022

नव सृष्टि आधार

डॉ. ममता पंत (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

क़दम-क़दम मिला के चल, 
लगा के बाज़ी जान की। 
निगाह तुम पे हैं टिकी, 
इस देश के गुमान की। 
 
तुम्हीं हो प्रश्न वर्तमान, 
तुम्हीं भविष्य का जवाब। 
न्याय की तुला तुम्हीं, 
सत्य, शान्ति के चिराग़। 
क़दम-क़दम . . . . . .॥
 
तुम्हीं हो देश के सपूत, 
भविष्य की अक्षय निधि। 
तुम्हीं हो कर्णधार अब, 
सुहाग हो तुम्हीं विधि। 
क़दम-क़दम . . . . . .॥. 
 
तुम्हीं हो लम्ब देश के, 
तुम्हीं भविष्य भाग्यकार। 
श्रद्धा तुम्हीं, तुम्हीं मनु, 
नव-सृष्टि के तुम्हीं आधार। 
क़दम-क़दम . . . . . .॥
 
झलकता रहे युगान्त तक, 
इस मातृभूमि का सुहाग। 
सजायेगी माँग को, 
तुम्हारे ही कफ़न की राख। 
क़दम-क़दम . . . . . .॥

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