होली

भगवती सक्सेना गौड़ (अंक: 225, मार्च द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

होली आयी है रँग ले तू तन मन होली के रंग में, 
प्रीत का रंग छायो जनकपुर में, 
होली खेली सिया की सखियाँ भी हैं नगरी में
रंग गयी सारी नगरी अब गुलाबी में!! 
 
होली आयी है रँग ले तू तन मन होली के रंग में, 
प्रीत का रंग छायो मथुरा में, 
होली खेले राधे की सखियाँ
रंग गयी सारी नगरी अब वासंती में!! 
 
होली आयी है रँग ले तू तन मन होली के रंग में, 
प्रीत का रंग छायो कैलाशपुरी में, 
होली खेली गौरा की सखियाँ, 
छायो शंकर सबरी पहाड़ी में, 
रंग गयो नगरी सिंदूरी में!! 
 
होली आयी है रंग ले तू तन मन होली के रंग में

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