एलियन नहीं हूँ मैं
मनोज शाह 'मानस'मैं इसी दुनिया का प्राणी हूँ
तीसरे ग्रह से आया हुआ
एलियन नहीं हूँ मैं!
एक माँ ने ही मुझे पैदा किया है
हिमालय से पिघलकर आया हुआ
ग्लेशियर नहीं हूँ मैं!
मेरे नन्हे से नैन की चमक देखो,
भविष्य चमकाने का इरादा है!
मेरे अश्क पर रश्क करो,
यह क्षीर सागर में किया गया,
अमृत मंथन से निकला हुआ,
बूँद बूँद है!
जिसके लिए राक्षसों और
देवताओं में महायुद्ध हुआ!
आख़िर देवताओं के हिस्से में आया!
और मेरे हिस्से में सिर्फ़ ये . . . ?
एक टुकड़ा!!
दुनिया वालो डूब मरो!
या मेरे लिए कुछ करो!
मैं इसी दुनिया का प्राणी हूँ!!
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