मेहमान . . .

01-03-2022

मेहमान . . .

मनोज शाह 'मानस' (अंक: 200, मार्च प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

भाव 
स्वभाव 
अभाव और प्रभाव . . .! 
 
वस्तु 
जीव जंतु 
उठे हुए हाथों से तथास्तु 
अगर मगर लेकिन किन्तु परंतु . . .! 
 
विचार 
जीवन संचार 
नफ़रत और प्यार 
ऐसा ही है यह संसार . . .! 
 
अनुबंध 
ठिठुरता सम्बन्ध 
नहीं इंसानियत का गंध 
इंसानियत पर लगा प्रतिबंध . . .! 
 
ये जितने भी ज़िन्दगी में है 
और ज़िन्दगी स्वयं भी 
कुछ पल के लिए . . .
नये नये रंग चढ़ाकर
आने वाले एक 
मेहमान है . . .! 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
गीत-नवगीत
कविता - हाइकु
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में