वाक़िफ़

01-05-2023

वाक़िफ़

हिमानी शर्मा (अंक: 228, मई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

ये प्यार किसी से वाक़िफ़ नहीं है, 
है प्यार अगर, फिर क़ाबिल वही है। 
क़ाबिल वही है, जो हासिल नहीं है, 
और हासिल वही है, जो शामिल कहीं है। 
गर शामिल कहीं है फिर, क्यूँ काफ़िर कहीं है, 
वो काफ़िर है फिर भी, क्यूँ मंज़िल वही है। 
वो मंज़िल है क्यों कि दिल में वही है, 
वो दिल में है फिर क्यों, वो क्यों वाक़िफ़ नहीं है? 

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