मित्रता एक अपनत्व

15-11-2022

मित्रता एक अपनत्व

हिमानी शर्मा (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

एक साथी जो पास नहीं लेकिन साथ है, 
न जाने कब से, 
तराशता है मुझे मेरी कमियों पर, 
सँवारता है मेरी क़ाबिलियत पर, 
न जाने कब से, 
जो अक़्सर ख़ुश होता है सफलता में, 
पास होता भी है असफलता में, 
न जाने कब से, 
रास्ता दिखता ही नहीं, 
साथ चलता भी है मेरी उलझनों में, 
कुछ कहता ही नहीं, 
बस मुस्कुरा देता है मेरे बचपने में, 
न जाने कब से, 
जिसे एहसास है मेरे सपनों का, 
और भरोसा है मेरी हस्ती पर, 
जो जानता है मुझे मेरे भी नज़रिए से, 
न जाने कब से, 
क्या इतना काफ़ी नहीं— 
किसी रिश्ते में वफ़ादार बनने के लिए? 
बिलकुल है, 
मित्रता केवल मित्रता नहीं अपनत्व है मेरे लिए
न जाने कब से!

1 टिप्पणियाँ

  • 3 Nov, 2022 04:21 PM

    What a great message on friendship. Kudos to your writing!

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