मौसम फिर बदला है एक बार

15-10-2022

मौसम फिर बदला है एक बार

हिमानी शर्मा (अंक: 215, अक्टूबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

मौसम फिर बदला है एक बार, 
कहीं लम्हें आरज़ू में बीते, 
तो कहीं इंतज़ार में। 
 
ठण्ड की महक ने 
फिर छुआ एक बार, 
कहीं ख़ामोशी मुस्कराहट में बदली, 
तो कहीं दीदार में। 
 
ख़ुशी की चहक में, मानो 
फिर आयी हो बहार, 
कहीं शब्द ख़्वाहिशों में बदले, 
तो कहीं बदले इज़हार में। 
 
सलीक़ों ने फिर बदला है 
अपना अंदाज़, 
कहीं नज़रें सम्मान में झुकी हैं, 
तो कहीं आभार में। 
 
क्या सच में बदल रहा है 
मौसम इस बार? 
क्या सच में फिर उमड़ेगी 
यहाँ ख़ुशियों की फुहार? 
हाँ, जब समाहित होगी कोशिशें, 
कहीं व्यवहार में 
तो कहीं विचार में। 

2 टिप्पणियाँ

  • 7 Oct, 2022 03:51 PM

    No words, just applause!

  • 6 Oct, 2022 10:58 PM

    Beautifully written.❤️

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