एक सपना

01-11-2023

एक सपना

हिमानी शर्मा (अंक: 240, नवम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

एक रास्ता नहीं, वो मंज़िल की तरह है, 
उस पर चलो तो लगे, कुछ तो हासिल किया है, 
एक ऐसा सफ़र, जिसे हर पल जिया है, 
चलूँ कुछ रुक रुक कर ये वादा किया है। 
 
सफ़र है ये सपनों का, कोई कहानी नहीं है, 
इसे पाने की चाहत बस दिखाई नहीं है, 
हुकूमत नहीं, दिलों पर राज किया है, 
जब ख़ूबी को अपनी, पहचान लिया है। 
 
कब फ़ितरत में कभी कुछ नायाब किया है, 
बस फ़ुरसत में ख़ुद को आयाम दिया है, 
थोड़ा ठहराव वक़्त को यूँ कुछ दिया है, 
उसने पूछा मुझे क्यूँ ऐसे तन्हा किया है। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें