कहानी

हिमानी शर्मा (अंक: 233, जुलाई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

अंदाज़ा लगाने की ज़रूरत नहीं है, 
जिसके क़ाबिल मैं हूँ, ये रास्ता वही है। 
ज़माने को छोड़ रूह को जताने अब लगी हूँ, 
है प्यार मुझे तुमसे, बस सच अब यही है। 
अंदाज़ा लगाने की ज़रूरत नहीं है, 
कहानी अभी मैंने, कहाँ पूरी कही है। 
मैं शामिल तो हूँ उन झरोखों में अब भी, 
और ज़ाहिर है रहूँगी ना साँसें हों तब भी, 
ये रूह जो थी, अब कुछ कुछ नयी है, 
कहानी अभी मैंने, कहाँ पूरी कही है। 

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