साथ हूँ मैं
हिमानी शर्माफ़ासले हैं लेकिन साथ हूँ मैं,
आँखें बंद कर ले अगर, तो पास हूँ मैं।
आदतें बिगड़ी हैं मेरी कुछ कुछ, लेकिन साथ हूँ मैं।
शिकायत में हूँ कुछ कुछ, लेकिन विश्वास हूँ मैं।
दूर हूँ तुझसे, लेकिन मिलने की एक आस हूँ मैं।
ख़ुशियों की तलाश में तेरी, सफलता का आग़ाज़ हूँ मैं।
बेख़बर है शायद तू, लेकिन साथ हूँ मैं।
प्यार में हूँ कुछ कुछ, अलग सा अंदाज़ हूँ मैं।
जिसे भूल न सके, तेरी याद हूँ मैं।
समझ नासमझी में हुई, फ़रियाद हूँ मैं।
रिश्ते में प्यार की तेरे, बुनियाद हूँ मैं।
फ़ासले हैं लेकिन साथ हूँ मैं,
आँखें बंद कर ले अगर, तो पास हूँ मैं।
2 टिप्पणियाँ
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So well penned!!
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Nice words and preciously formed text. An enjoyable reading.
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