सवेरा
आलोक कौशिकआता है जब सूरज
अँधेरा भाग जाता है
चहकती हैं चिड़ियाँ
सवेरा हो जाता है
सुबह सवेरे उठने से
स्वस्थ रहता है तन
सूर्योदय की बेला में
चलता है शीतल पवन
जो जागते हैं सवेरे
करते हैं अपना काम
जीवन में केवल वही
बन पाते हैं महान्
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